कहानी संभाजी महाराज की !

 **संभाजी महाराज की कहानी: शौर्य, बलिदान और स्वाभिमान**  


संभाजी महाराज, छत्रपति शिवाजी महाराज के ज्येष्ठ पुत्र और मराठा साम्राज्य के दूसरे छत्रपति थे। उनका जन्म **14 मई 1657** को पुरंदर किले में हुआ था। उनकी माता सईबाई (सावित्रीबाई) थीं, जो शिवाजी की पहली पत्नी थीं। संभाजी बचपन से ही तेजस्वी, बुद्धिमान और युद्धकला में निपुण थे।  


 **बचपन और शिक्षा**  

शिवाजी महाराज ने संभाजी को उच्च शिक्षा दिलवाई थी। संभाजी ने **संस्कृत, हिंदी, मराठी, फारसी और अरबी** भाषाओं में महारत हासिल की। वे एक कुशल लेखक भी थे और उन्होंने **"बुद्धभूषण"** नामक संस्कृत ग्रंथ की रचना की।  


 **संघर्ष और सत्ता संभालना**  

शिवाजी महाराज की मृत्यु (1680) के बाद, मराठा साम्राज्य में उत्तराधिकार को लेकर विवाद हुआ। कुछ सरदारों ने संभाजी के सौतेले भाई **राजाराम** को गद्दी पर बैठाने की कोशिश की, लेकिन अंततः संभाजी ने **1681 में छत्रपति का पद संभाला**।  


 **औरंगजेब से संघर्ष**  

संभाजी के शासनकाल में मुगल बादशाह **औरंगजेब** ने दक्षिण पर आक्रमण कर दिया। संभाजी ने मुगलों के खिलाफ जमकर युद्ध लड़ा और कई बार उन्हें धूल चटाई। लेकिन **1687 में संगमेश्वर के युद्ध** में उनके एक विश्वासघाती सरदार **गणोजी शिर्के** ने उन्हें धोखा दे दिया, जिसके कारण संभाजी और उनके मंत्री **कवि कलश** को मुगलों ने पकड़ लिया।  


 **अत्याचार और बलिदान**  

औरंगजेब ने संभाजी को इस्लाम कबूल करने को कहा, लेकिन संभाजी ने साफ मना कर दिया। इस पर क्रोधित होकर औरंगजेब ने उन पर **अमानवीय अत्याचार** किए:  

- उनकी आँखें निकाल दी गईं।  

- जीभ काट दी गई।  

- हाथ-पैर तोड़ दिए गए।  

- गर्म बालू से शरीर जलाया गया।  


फिर भी संभाजी ने धर्म परिवर्तन से इनकार कर दिया। अंततः **11 मार्च 1689** को औरंगजेब ने उनका **सिर काटकर हत्या** कर दी। उनके शरीर के टुकड़े अहमदनगर में फेंक दिए गए।  


 **विरासत**  

संभाजी महाराज का बलिदान मराठा इतिहास में स्वाभिमान और धर्मरक्षा का प्रतीक बन गया। उनकी मृत्यु के बाद मराठों ने **राजाराम** के नेतृत्व में औरंगजेब के खिलाफ संघर्ष जारी रखा और अंततः मुगलों को पराजित किया।  


**"शिवाजी के बेटे थे संभाजी, धर्म और देश के लिए बलिदान हो गए!"**  


आज भी महाराष्ट्र और समस्त भारत में संभाजी महाराज को एक वीर योद्धा और देशभक्त के रूप में याद किया जाता है।

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