विज्ञान भैरव तंत्र क्या है ?
**विज्ञान भैरव तंत्र** एक प्राचीन हिंदू तांत्रिक ग्रंथ है, जो **शैव परंपरा** से संबंधित है। यह ग्रंथ **भगवान शिव और देवी पार्वती (भैरवी)** के बीच एक संवाद के रूप में लिखा गया है, जिसमें शिव 112 विभिन्न ध्यान तकनीकों (मेडिटेशन विधियों) का उपयोग करके चेतना की उच्च अवस्थाओं को प्राप्त करने का मार्गदर्शन देते हैं।
**मुख्य विशेषताएँ:**
1. **112 ध्यान विधियाँ:**
- इसमें श्वास, मंत्र, योग, कुंडलिनी जागरण, प्रेम, संगीत और दैनिक जीवन की साधारण गतिविधियों के माध्यम से ध्यान करने के तरीके बताए गए हैं।
- कुछ विधियाँ सरल हैं, जबकि कुछ गहन तांत्रिक साधनाएँ हैं।
2. **तंत्र और योग का संगम:*
- यह ग्रंथ केवल ध्यान तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें जीवन के हर पहलू को आध्यात्मिक साधना का हिस्सा बनाने की शिक्षा दी गई है।
3. **भैरवी-भैरव संवाद:**
- देवी पार्वती (भैरवी) प्रश्न पूछती हैं और भगवान शिव (भैरव) उन्हें उत्तर देते हैं। यह प्रश्नोत्तर शैली में लिखा गया है।
4. **अद्वैत और चेतना की गहराई:**
- इसका उद्देश्य साधक को **"शिव स्वरूप"** (शुद्ध चेतना) की अनुभूति कराना है, जहाँ द्वैत (अलगाव) समाप्त हो जाता है।
**प्रसिद्धि:**
इस ग्रंथ को **ओशो रजनीश** ने अपने प्रवचनों में विस्तार से समझाया है, जिसके कारण यह आधुनिक समय में और भी लोकप्रिय हुआ। उन्होंने इसे **"द बुक ऑफ सीक्रेट्स"** नाम से व्याख्या सहित प्रस्तुत किया।
**निष्कर्ष:**
विज्ञान भैरव तंत्र **ध्यान, योग और तंत्र का एक अद्भुत संग्रह** है, जो साधक को सीधे अनुभव के माध्यम से परम सत्य तक पहुँचने का मार्ग दिखाता है। यह उन लोगों के लिए विशेष उपयोगी है जो **प्रैक्टिकल साधना** में रुचि रखते हैं।
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