शिव महापुराण का पूरा सरांस!
**शिव महापुराण** हिंदू धर्म के प्रमुख पुराणों में से एक है, जो भगवान शिव की महिमा, उनके स्वरूप, लीलाओं और उपासना का विस्तृत वर्णन करता है। इसमें 24,000 श्लोक और 7 संहिताएँ (खंड) हैं। यहाँ इसका संक्षिप्त सार प्रस्तुत है:
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**1. विद्येश्वर संहिता**
- भगवान शिव के **ज्ञान (विद्या) और अज्ञान (अविद्या)** पर चर्चा।
- शिव की **निराकार और साकार** उपासना का महत्व।
- **मोक्ष प्राप्ति** के लिए शिव भक्ति का उपदेश।
**2. रुद्र संहिता**
- शिव के **रुद्र रूप** (विनाशक शक्ति) की व्याख्या।
- **सती-शिव की कथा**, दक्ष यज्ञ और सती के आत्मदाह की घटना।
- पार्वती के जन्म, तपस्या और शिव से विवाह की कहानी।
**3. शतरुद्र संहिता**
- शिव के **108 नामों** और **रुद्राक्ष** की उत्पत्ति का वर्णन।
- **भस्मासुर की कथा** और शिव की चतुराई से उसका वध।
**4. कोटिरुद्र संहिता**
- शिव के **अनंत रूपों** (कोटि रुद्र) की व्याख्या।
- **लिंग पूजा** का महत्व और 12 ज्योतिर्लिंगों की कथाएँ।
**5. उमा संहिता**
- देवी पार्वती (उमा) और शिव के संवाद पर आधारित।
- **गृहस्थ जीवन** और **संन्यास** के बीच संतुलन का उपदेश।
**6. कैलाश संहिता**
- **कैलाश पर्वत** की महिमा और शिव-पार्वती की लीलाएँ।
- **कार्तिकेय और गणेश** की उत्पत्ति की कथा।
**7. वायवीय संहिता**
- शिव भक्ति के **मंत्र, तंत्र और योग** की विधियाँ।
- **प्रलयकाल** में शिव की भूमिका और उनकी तांडव नृत्य की व्याख्या।
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**प्रमुख शिक्षाएँ**:
1. **शिव ही सृष्टि, पालन और संहार के स्वामी** हैं।
2. **भक्ति और ज्ञान** से ही मोक्ष संभव है।
3. **लिंग पूजा** शिव की निराकार उपासना का प्रतीक है।
4. **अहंकार का त्याग** करने से ही शिव की कृपा प्राप्त होती है।
**महत्वपूर्ण कथाएँ**:
- **दक्ष यज्ञ और सती** – भक्ति और समर्पण का संदेश।
- **समुद्र मंथन** – विष पीकर शिव का "नीलकंठ" बनना।
- **भस्मासुर वध** – अहंकार का अंत।
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**निष्कर्ष**: शिव महापुराण भक्ति, ज्ञान और वैराग्य का अद्भुत संगम है। यह सिखाता है कि शिव सर्वव्यापी हैं और उनकी कृपा से ही संसार के बंधनों से मुक्ति मिलती है।
> *"ॐ नमः शिवाय"* – इस मंत्र का जप शिव कृपा प्राप्ति का सरल मार्ग है।
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