सच्चा सद्गुरु कौन है ?

 सच्चा सदगुरु वह है जो मनुष्य को **अज्ञान के अंधकार** से **ज्ञान के प्रकाश** की ओर ले जाता है, उसकी आत्मा को परमात्मा से मिलाने का मार्ग दिखाता है।  


 **सच्चे सदगुरु की पहचान:**  

1. **ज्ञान का स्रोत:** वह स्वयं ब्रह्मज्ञानी होता है और शिष्य को भी आत्मज्ञान देता है।  

2. **निःस्वार्थ भाव:** उसका कोई व्यक्तिगत लाभ या मोह नहीं होता, केवल प्रेम और करुणा से मार्गदर्शन करता है।  

3. **शास्त्रों की पुष्टि:** उसकी शिक्षाएँ वेद, उपनिषद्, गीता आदि सनातन ग्रंथों के अनुरूप होती हैं।  

4. **आचरण में पवित्रता:** उसका जीवन सादगी, त्याग और सत्य का प्रतीक होता है।  

5. **आत्मदर्शन कराने वाला:** वह व्यक्ति को बाहरी आडंबरों से हटाकर **अंतरात्मा की ओर** मोड़ता है।  


> **"गुरु बिन ज्ञान न उपजै, गुरु बिन मिलै न मोष।"**  

> – कबीर दास जी  


सच्चा सदगुरु **केवल एक शरीर नहीं**, बल्कि **ज्ञान का प्रतीक** है। वह रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, शंकराचार्य, नानक, कबीर या महावतार बाबाजी जैसे महान आत्माओं के रूप में प्रकट हो सकता है।  


**सार:** सदगुरु वही है जो **"तत्वमसि"** (तू ब्रह्म है) का साक्षात्कार कराए और माया के बंधनों से मुक्ति दिलाए। 🌟

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

नाम जप से आत्मज्ञान कैसे प्राप्त होता है?

कामवासना क्या है ?

तनाव मुक्त जीवन कैसे जिएं?