राधा रानी कौन हैं?
राधा रानी, जिन्हें **राधिका**, **राधारानी** या **श्रीराधा** भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में भगवान कृष्ण की सबसे प्रिय और आध्यात्मिक सहचरी मानी जाती हैं। वह वैष्णव और भक्ति परंपराओं में कृष्ण की शाश्वत प्रेमिका और दिव्य ऊर्जा (ह्लादिनी शक्ति) के रूप में पूजी जाती हैं।
प्रमुख तथ्य:
1. **दिव्य प्रेम का प्रतीक**: राधा और कृष्ण का प्रेम आध्यात्मिक भक्ति का प्रतीक माना जाता है, जहाँ राधा भक्ति (प्रेम) और कृष्ण भगवान (परमात्मा) का प्रतिनिधित्व करते हैं।
2. **वृंदावन की रानी**: राधा को **वृंदावन की रानी** कहा जाता है, क्योंकि उनका संबंध कृष्ण की लीलास्थली वृंदावन से है।
3. **पुराणों में उल्लेख**: राधा का उल्लेख **ब्रह्मवैवर्त पुराण**, **गर्ग संहिता** और भक्ति साहित्य (जैसे **गीत गोविंद**) में मिलता है, हालाँकि महाभारत या श्रीमद्भागवत में उनका सीधा उल्लेख नहीं है।
4. **राधा-कृष्ण की एकता**: कई परंपराओं में राधा और कृष्ण को **एक ही दिव्य सत्ता** के दो रूप माना जाता है (जैसे **अर्धनारीश्वर** की अवधारणा)।
5. **भक्ति आंदोलन**: मीराबाई, सूरदास, चैतन्य महाप्रभु जैसे संतों ने राधा के प्रेम को भक्ति का आदर्श बताया।
### रहस्यमयी पहलू:
- कुछ मान्यताओं के अनुसार, राधा वास्तव में कृष्ण की **आंतरिक शक्ति** हैं और उनका कोई अलग अस्तित्व नहीं है।
- कृष्ण ने राधा के प्रेम को सर्वोच्च माना और कहा: **"राधिका के बिना मैं पूर्ण नहीं हूँ।"**
पूजा:
- **राधावल्लभ**, **निम्बार्क** और **गौड़ीय वैष्णव** संप्रदायों में राधा-कृष्ण की संयुक्त पूजा की जाती है।
- **राधाष्टमी** (भाद्रपद माह) को राधा का जन्मदिन मनाया जाता है।
राधा रानी भक्ति, प्रेम और समर्पण की मूर्ति हैं, जो यह संदेश देती हैं कि ईश्वर तक पहुँचने का सबसे सरल मार्ग निस्वार्थ प्रेम है।
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